Natasha

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आप परदेसी हैं

अन्‍वेषक ने अपने मन में सोचा ः दूसरों के कामों में निर्णयात्‍मक रूप से दखल देना हमेशा परेशानी भरा होता है। वह न तो बंदियों की इस काला पानी की कॉलोनी का न तो सदस्‍य ही है, न ही उस राज्‍य का नागरिक ही जो इस भूभाग का स्‍वामी है। क्‍या उसे इस दण्‍ड की अवमानना करनी चाहिए, या फिर इसे बन्‍द करने के प्रयास करने चाहिए। 


ये लोग उससे यह भी तो कह सकते हैं- “आप परदेसी हैं, अपने काम से काम रखिए” बस उसके पास इसका कोई उत्तर नहीं होगा- जब तक वह यह न आगे जोड़े कि यह तो चकित है इस सब को देखकर, क्‍योंकि वह तो यहाँ मात्र निरीक्षण कर्ता (आब्‍जर्वर) के रूप में ही यात्रा कर रहा है। 

दूसरों की न्‍याय व्‍यवस्‍था में परिवर्तन की उसकी कोई मंशा नहीं है। लेकिन सब कुछ देखकर वह अपने को रोक पाने में असमर्थ हैं इस अन्‍यायपूर्ण व्‍यवस्‍था और उसके परिपालन की अमानवीयता तो निर्विवादित तथ्‍य के साथ उसकी आँखों के सामने है। 

कोई यहतो कह नहीं सकता कि इसमें उसका कोई स्‍वार्थ है, क्‍योंकि सजायाफ्‍ता व्‍यक्‍ति उसके लिए पूर्णतः अपरिचित है। वह उसका देशवासी भी नहीं है, न ही मेरी उसके प्रति कोई सहानुभूति ही है। उसकी सिफारिश बहुत उच्‍च स्‍तर से की गई थी। 

यही नहीं उसका स्‍वागत पर्याप्‍त आदर और उत्‍साह के साथ किया गया था और यह तथ्‍य कि उसे इस सजा को देखने के लिए विशेष रूप से आमन्‍त्रित किया गया था- इस सबसे तो यही निष्‍कर्ष निकलता है कि उसकी राय महत्त्‍वपूर्ण होगी और वे उसका स्‍वागत करेंगे और इसके साथ ही, जैसा उसने बार-बार सुना है कि कमाण्‍डेंट स्‍वयं इस दण्‍ड विधान का पक्षधर नहीं है, साथ ही इस ऑफिसर के प्रति उसका रवैया भी विरोध पूर्ण है।

इसी क्षण अन्‍वेषक ने ऑफिसर के मुँह से क्रोध भरी चीख सुनी। उसने अभी-अभी अच्‍छी खासी मेहनत के बाद सजायाफ्‍ता के मुँह में फेल्‍ट गेग लगाया ही था कि तभी उस आदमी को असह्‌य मितली उठी, उसने आँखें बन्‍द कीं और वमन कर दिया।

 ऑफिसर ने फटाक्‌ से उसके मुँह में फंसे गेग को अलग कर दिया और उसका सिर कब्र की ओर घुमा दिया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी, मशीन में वमना भर गई। “यह सब कमाण्‍डेंट के कारण हो रहा है”, ऑफिसर रॉड को पकड़ उसे हिलाते हुए चिल्‍लाया,

 “उसी के कारण मशीन सुअर-बाड़े जैसी हो रही है।” काँपते हाथों से उसने अन्‍वेषक को इशारा करते आगे कहा, “कई घण्‍टों मैंने कमाण्‍डेंट को समझाया कि सजायाफ्‍ता को एक दिन का उपवास कराया जाना चाहिए सजा देने से पहले, लेकिन हमारे आधुनिक सिद्धान्‍तवादी का विचार कुछ दूसरा ही है। 

उनकी औरतों जैसी आदतों के चलते पिछली बार सजायाफ्‍ता को सजा के पहिले कैंडी खिलाई थी उन्‍होंने। अब सोचिए जिस आदमी ने पूरी जिन्‍दगी बदबूदार मछलियों पर काटी हो, उसे शक्‍कर की कैंडी? लेकिन इसके विरोध में मुझे कुछ नहीं कहना है, क्‍योंकि सजा तो अभी दी जा सकती है, लेकिन वे मुझे नया फेल्‍ट गेग क्‍यों नहीं दे रहे जिसकी माँग मैं पिछले तीन माहों से विधिवत्‌ कर रहा हूँ। किसी को भी मितली आ जाएगी, जब वह अपने मुँह में ऐसा गंदा फेल्‍ट गेग रखेगा जिसे सौ से अधिक मुँह में रखा जा चुका हो, उस पर दाँतों के निशान हैं, जो सूखे थूक से लिथड़ चुका है।”
सजायाफ्‍ता ने अपना सिर वापिस रख दिया था और निढाल हो शान्‍त हो गया था, उधर सजायाफ्‍ता की शर्ट से सैनिक मशीन की सफाई में जुटा हुआ था। ऑफिसर अन्‍वेषक की ओर बढ़ा जो इस घटना से घबराकर दो कदम पीछे हट गया था। 

ऑफिसर ने उसका हाथ पकड़ा और उसे एक ओर ले गया। “मैं आपसे कुछ निवेदन करना चाहता हूँ आपको अपना समझ कर,” उसने कहा, “क्‍या मैं कह सकता हूँ?” “अवश्‍य अवश्‍य!” अन्‍वेषक ने कहा और धरती पर आँखें गड़ाकर सुनने लगा।

“दण्‍ड विधान की इस कार्यप्रणाली को जिसे आपको देखने और प्रशंसा करने का सुअवसर मिला है, फिलहाल हमारी कॉलोनी में समर्थकों का घोर अभाव है। अभूतपूर्व कमाण्‍डेंट की परम्‍परा में एकमात्र समर्थक मैं ही हूँ। इस दण्‍ड प्रणाली में सुधार कर आगे बढ़ाने की बात तो दूर मेरी पूरी शक्‍ति इसे बनाए रखने में ही समाप्‍त हो रही है। 

पूर्व कमाण्‍डेंट के जीवित रहते इस कॉलोनी में इसके समर्थक बहुत बड़ी संख्‍या में थे, उनके विश्‍वास की दृढ़ता मेरे अन्‍दर कुछ मात्रा में अभी भी शेष है, लेकिन उनकी अधिकार शक्‍ति का एक अंश भी मेरे पास नहीं है, इसका परिणाम यह हुआ है कि सभी समर्थक आँखों के सामने से ओझल हो गए हैं, 


हालाँकि अभी भी उनकी बड़ी संख्‍या यहाँ है लेकिन स्‍वीकारेगा एक भी नहीं। यदि आप आज सजा के बिन चायघर जावें तो आपको अस्‍पष्‍ट से रिमार्क ही सुनने मिलेंगे। वे सभी इस विधि के समर्थकों की राय होगी, लेकिन इस नए कमाण्‍डेंट के राज्‍य में उसकी वर्तमान कार्यप्रणाली और रीति-नीति के चलते, उन रायों का हमारे लिए कोई महत्त्‍व ही नहीं रह गया है 


और अब आपसे मेरा प्रश्‍न है कि क्‍या कमाण्‍डेंट और वे स्‍त्रियाँ जिनसे वह प्रभावित है, ऐसे कार्य को जो एक मनुष्‍य के जीवन भर के श्रम का परिणाम है”, कहते उसने मशीन की ओर इशारा किया, “उसे व्‍यर्थ मानकर फेंक देना चाहिए। क्‍या किसी को यह करना चाहिए? भले ही कोई अजनबी हमारे काले पानी के टापू में कुछ दिनों के लिए ही आया हो?


 हमारे पास समय का अभाव है, क्‍योंकि एक जज के रूप में मेरे ऊपर आक्रमण कभी भी किया जा सकता है। यही नहीं, अभी इस वक्‍त कमाण्‍डेंट के ऑफिस में कॉन्‍फ्रेंस चल रही है, जिससे मुझे जानबूझकर बाहर रखा गया है, यही नहीं आपका यहाँ उपस्‍थित होना भी पर्याप्‍त महत्त्‍वपूर्ण कदम है। वे कायर हैं, और वे ढाल के रूप में वे आपका उपयोग करना चाहते हैं। 


आप एक अजनबी परदेशी जो ठहरे। आपको क्‍या बतलाऊँ पुराने दिनों में यह मृत्‍युदण्‍ड कितना मनोरंजक हुआ करता था। इस कार्यक्रम के एक दिन पहिले से ही पूरी घाटी दर्शकों से भर जाया करती थी।

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